सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Ragi ke recipes

                                                       
                                        रागी,नाचनी और मरुआ का पौष्टिक व्यंजन                                                            रागी बहुत ही पौष्टिकता से भरपूर  अनाज है । इसमें कार्बोहायड्रेट,  प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम की अधिकता होती है  और  बहुत थोड़ी मात्रा में फैट, आयरन  वगैरह मूलभूत तत्व पाये जाते हैं । यह हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद  है । हमसब इसकी रोटी, दलिया, लड्डू ,चीला इडली आदि बना कर खा सकते है । ये साउथ इंडिया में छोटे बच्चों को जरूर खिलाते है अच्छे ग्रोथ के लिए । इसमें मुंग की दाल, गेहूँ, चावल आदि मिला कर खिचड़ी की तरह बनाकर खिलाते है। इसमें फैट बहुत  कम होता है अतःबच्चों को थोड़ी घी के साथ खिलाते है  मरुआ या रागी को अच्छी तरह धोकर साफ करते है। धोते वक्त इसमें से बहुत छिलका निकलता है।  फिर उसे ५से ६ घंटे फूलने छोड़ देते हैं । उसके बाद उसे सूखने के लिए फैला देते है । ये सूखने के साथ ही अंकुर भी जाता है । अब इसे कढ़ाई में गरम कर के या कहे उलाकर थोड़ा ठंडा कर पॉट में पीसकर पाउडर बना  लेते है  डब्बा में भर कर रख दे ते है । इसी पाउडर से  व्यंजन बनेगें । सबसे पहले रागी का दूध के साथ माल्ट बनाते है।                                                             
                                                                  रागी  माल्ट                                                                       सामग्री :- रागी पाउडर , चीनी , दूध, २बादाम ,२ काजू ,२ खजुर।                                                                   एक बर्तन में   १\२ लीटर  दूध गर्म होने  चढ़ाते है ।उसमे खजूर भी डाल देते हैं ।   एक कटोरी में १\४  चम्मच पानी लेकर उसमे चार चम्मच रागी पाउडर डालते है अच्छी तरह घोलकर उबलते दूध में डालते जाते है और मिलाते जाते हैं इसी समय चीनी ४ चम्मच डाल देते है   चलाते -चलाते जब गाढा  हो जाये तो गैस बंद कर देते है । थोड़ा ठंडा कर  मिक्सर  पॉट मेंपहले से सेंककर रखा काजू बादाम पहले पाउडर बना कर फिर रागी माल्ट   डाल  कर एक बार घूम देते है ।हो गयीपौष्टिक रागी माल्ट तैयार । इसे सुबह स्कूल जाते बच्चो को पिला दें  खुद भी पिये  । अगर इसमें फ्लेवर डालना है तो कभी केला के साथ पीस दे कभी स्ट्रॉबेरी के साथ ।                                                  

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मूंगफली की चटनी, PEANUTS CHUTNEY, GROUNDNUT CHUTNEY,

PEANUTS CHUTNEY GROUNDNUT CHUTNEY मूंगफली की चटनी   Moongfali chutney Shengdana chutney banane ka tarika मूंगफली की चटनी 🙏 मूंगफली  की चटनी डोसा - इडली के साथ खाने के लिए सबसे स्वादिष्ट चटनी है |   आप इस  चटनी को रोटी, पराठा के साथ भी खा सकते है |  मूंगफली  की चटनी  मूंगफली  की चटनी  मूंगफली  की चटनी  मूंगफली  की चटनी       मूंगफली  की चटनी Peanut Chutney सामग्री :- मुंगफली की चटनी सामग्री  भुना मूंगफली - एक कटोरी  भुना लाल मिर्ची - २ से ३ या स्वाद अनुसार  गुड़ - एक छोटा चम्मच  इमली -  बहुत थोड़ा  या एक कली  लहसुन - 7 - 8  कली  नमक - एक चौथाई चम्मच  या  स्वादानुसार  peanuts   roasted peanuts imli roasted chilli  How to make Raw Peanuts And Sprout Salad recipe How to roast peanuts in pan मुंगफली की चटनी  मुंगफली की चटनी  मुंगफली की चटनी  मुंगफली की चटनी बनाने का तरीका :-  मुंगफली की चटनी  मुंगफल...

Idli recipe, इडली रेसिपी, Boiled Rice idli, South Indian food

    Idli recipe  इडली रेसिपी  South Indian food     इडली दक्षिण भारत  का  व्यंजन है । ज्यादा तर इसे सुबह नास्ते में खाया जाता है ये सुपाच्य होता है |  इसे बनाना भी बहुत आसान है ।   सामग्री:-  उसना चावल  [boiled rice] - 4 कप   उरद दाल- 1 कप   मेथी दान - 1tbsp चम्मच आधी कटोरी पहले से  पका ठंडा चावल  बनाने की विधि:- सबसे पहले चावल  को अलग और उरद दाल, मेथी दाना को अलग फूलने डालते है । 5 - 6  घंटे फूल जाने के बाद उरद दाल को एकदम बारीक़ पीस लेते है|    चावल को सूजी या रवा की तरह पीस कर एक साथ मिला लेते है |  थोड़ा - थोड़ा पानी डालकर सभी चीजों को पिसेंगे | बैटर न तो पतला होना चाहिए न ही बहुत गाढ़ा |  उसमे ही पका चावल भी पीस कर मिला देते है।  3/4th tbsp नमक को पीसने के समय डाल देते है |  उसमे ही पका  हुआ ठंडा  चावल भी पीस कर मिला देते है। पका  चावल में थोड़ा पानी डालकर बारीक़ पीस लेते है | खूब अच्छी तरह से मिक्स करके 2 - 3 मिनट फेट...

Porridge, Daliya recipe, Jowar porridge, Kodo millet porridge

Porridge Daliya Daliya (porridge) is one of the traditional recipes of Rajasthan.  It can be prepared and fermented in the same way using any millet.  It takes the same amount of time to ferment as it takes for milk to turn into curd, or for the idli batter to be fermented.  Kodo millet porridge Microbial growth occurs during the process of fermentation.  These microbes help in the growth of probiotic gut bacteria which help in digestion of food.  They also boost the body's immune mechanism so that our body can easily fight off various diseases. Jowar millet porridge  Microbial growth is negatively affected by salt. So salt is not added to the porridge while cooking and is only added according to taste while eating.  The porride should not be heated after fermentation, as this also affects the microbial growth.  Most of the diseases are caused due to improper digestion capacity of the body.  This porridge increases this digestion capacity. ...